हिन्दी काव्य-यात्रा—–डॉ. श्रीमती तारा सिंह
प्रत्येक भाषा के साहित्य के अतीत और वर्तमान में,काल प्रवाह के साथ और सांस्कृतिक परिणतियों…
प्रत्येक भाषा के साहित्य के अतीत और वर्तमान में,काल प्रवाह के साथ और सांस्कृतिक परिणतियों…
कन्या भ्रूण हत्या एक सामाजिक अपराध —-डॉ० श्रीमती तारा सिंह – Swargvibha हम ज्यादातर अपनी…
इश्क के फ़ंदे से छूटकर हमने जाना, जिंदगी क्या चीज है वफ़ा कहते हैं किसे…
जिस निगाह से बचने में मेरी उम्र गुजरी शामे-जिंदगी मुझे उसी से मुहब्बत हो गई…
कहते हैं , मनुष्य पर उसके नाम का भी कुछ असर पड़ता है, पर मुझ…
छोटी-छोटी पहाडियों से घिरा नीमका गाँव, और गाँव के बीचो -बीच नदी का रूप लेकर…
भाग्य के विश्रृंखल पवन ने , माधव की जिंदगी के हिसाब के पन्नों को, जगत…
सुनते ही कागा की कर्त्तव्य पुकार दूर स्मृति के क्षितिज में चित्रित- सा हर्ष -शोक…
तोड़कर युग के बंद कारागारों को सभी बंदियों को बाहर निकाल क्या पता ,यहीं कहीं…
तुम संग बिताई हर वो लम्हें आती है मुझे बहुत याद छिल जाता है कलेजा…