कोल्हू का बैल—– –डाॅ0 रामदीन त्यागी
कोल्हू का बैल- –डाॅ0 रामदीन त्यागी हमारे देश में कोल्हू में तेल निकालने के लिए…
कोल्हू का बैल- –डाॅ0 रामदीन त्यागी हमारे देश में कोल्हू में तेल निकालने के लिए…
निशा—-डॉ० श्रीमती तारा सिंह वही गोधूलि वेला और वही साहिबा झील, जहाँ रोशनी के…
फ़कीरा–डॉ० श्रीमती तारा सिंह पहाड़ों की गोद में ,लता-वितानों से ढँका जगुआ का गाँव…
“दीपावली”—डॉ० श्रीमती तारा सिंह मेरे मकान के ठीक सामने,जिस विशालकाय खंडहर को लोग आज…
July 13 गजल देह इक रोज हो पडा मिट्टी प्राण फूँके बदन बना मिट्टी जीव…
आज फिर बारिश हुई, बिखरा दिए क्या केश तुमने? …
*त्वं शरणं मम* सुशील शर्मा मन अंदर है गहन अंधेरा। चारों ओर दुखों का घेरा।…
Blogger <no-reply@blogger.com> Fri, Sep 22, 2017 at 10:24 AM To: swargvibha@gmail.com Reply | Reply to…
रोहिंग्या रोहिंग्या को ले क्यू, सियासी कंफ्यूजन है। उसके इतने अलाप का, क्या तुम्हारा…
बैठा जो सारे रण हारे, बस…