कविता प्रकृति, इतनी निर्मम हो सकती है–डॉ० श्रीमती तारा सिंह 3 years ago swargvibha कहते हैं, प्रकृति और ईश्वर कहने को अलग-अलग हैं इनमें कोई भेद नहीं है दोनों…