सलामत कैसे रहें? बेटियां परिवेश में---अमरेश सिंह भदौरिया
Posted: Thu Nov 15, 2018 6:30 pm
मुक्तक

Amresh Singh
सलामत कैसे रहें? बेटियां परिवेश में।
घूमते हैं भेड़िये अब नियंता के वेश में।
यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते, रमन्ते तत्र देवताः,
धूमिल हो रहा ये कथन अपने देश में।
अमरेश सिंह भदौरिया
Amresh Singh
सलामत कैसे रहें? बेटियां परिवेश में।
घूमते हैं भेड़िये अब नियंता के वेश में।
यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते, रमन्ते तत्र देवताः,
धूमिल हो रहा ये कथन अपने देश में।
अमरेश सिंह भदौरिया