हवा भी है बदली और मौसम बदल---अमरेश सिंह भदौरिया
Posted: Sat Nov 03, 2018 2:56 pm
Amresh Singh

हवा भी है बदली और मौसम बदल रहा है।
ख्वाब अनमना-सा कोई दिल में पल रहा है।
रिश्तों की जमी पर आजकल कुछ नमी बढ़ी है,
मैं भी फ़िसल रहा हूँ और तू भी फ़िसल रहा है।
अमरेश सिंह भदौरिया
हवा भी है बदली और मौसम बदल रहा है।
ख्वाब अनमना-सा कोई दिल में पल रहा है।
रिश्तों की जमी पर आजकल कुछ नमी बढ़ी है,
मैं भी फ़िसल रहा हूँ और तू भी फ़िसल रहा है।
अमरेश सिंह भदौरिया